मजदूर हु में मजदूरी क हुनर साथ रखता हु . अनपढ़ भी हु तभी चन्द पैसों की लिये दूसरे शहर में दिखता हु . झूठी दलिल सुन के नेताओं की अब खुद अपना संघर्ष लिखता हु . मज.
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