अगर हिरण्यकश्यप न होता तो भक्त प्रह्लाद को सताता कौन, अगर प्रह्लाद सताए न जाते तो दीनानाथ को बुलाता कौन, अगर तीनों लोकों के स्वामी को बुलाया न जाता तो नरसिंह र.
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