जटिल सी संरचना है तू,
जीवन का उद्गम है तू,
रक्त का
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जटिल सी संरचना है तू, जीवन का उद्गम है तू, रक्त का प्रवाह है तू, वेदना का संचार है तू, परंतु मानसिक मासिक धर्म हूं मैं, कुमारी का परिवर्तन है तू, विवाहिता का वरदान है तू, समाज का ढकोसला है तू, समयवार पीड़ा है तू, परंतु मानसिक रक्तस्त्राव हूं मैं, कष्ट की धारा है तू, पूजा पाठ से विरत, आडम्बरो में फंसी है तू, लेकिन सबसे ऊपर है तू पूज्यनीय है तू, परंतु मानसिक महावारी हूं मैं। इसलिए दाग अच्छे है। Ashish Writes.

 जटिल सी संरचना है तू,
जीवन का उद्गम है तू,
रक्त का प्रवाह है तू,
वेदना का संचार है तू,
                    परंतु मानसिक मासिक धर्म हूं मैं,
कुमारी का परिवर्तन है तू,
विवाहिता का वरदान है तू,
समाज का ढकोसला है तू,
समयवार पीड़ा है तू,
                        परंतु मानसिक रक्तस्त्राव हूं मैं,
कष्ट की धारा है तू,
पूजा पाठ से विरत,
आडम्बरो में फंसी है तू,
लेकिन सबसे ऊपर है तू
पूज्यनीय है तू,
                        परंतु मानसिक महावारी हूं मैं।
इसलिए दाग अच्छे है।
Ashish Writes.

जटिल सी संरचना है तू, जीवन का उद्गम है तू, रक्त का प्रवाह है तू, वेदना का संचार है तू, परंतु मानसिक मासिक धर्म हूं मैं, कुमारी का परिवर्तन है तू, विवाहिता का वरदान है तू, समाज का ढकोसला है तू, समयवार पीड़ा है तू, परंतु मानसिक रक्तस्त्राव हूं मैं, कष्ट की धारा है तू, पूजा पाठ से विरत, आडम्बरो में फंसी है तू, लेकिन सबसे ऊपर है तू पूज्यनीय है तू, परंतु मानसिक महावारी हूं मैं। इसलिए दाग अच्छे है। Ashish Writes.

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