दिन के कोरे कागज़ पर सूरज ने किये दस्तखत, और धूप से बोला- लिख दी तेरे नाम वसीयत ; हँसकर बोली धूप- "मुझे तो सब कुछ है मंज़ूर, लेकिंन मुझे नही इजाजत-उन वरसात के.
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