पैसा नाम तो कमा लोगे तुम,
पर क्या प्यार कमा सकते हो कभी,
इश्क़ के नाम पर ठगने वाले बहुत मिलेंगे,
क्या उस जैसा पागल पा सकते हो कभी,
तेरी खुशियों के लिए जो मर सकता था,
अब तुम्हारे रोने पर भी कोई रो दे क्या ऐसा ला सकते हो कभी,
उसके ना हुए जो तुम्हारी रूह से प्यार करता था,
क्या जिस्म से प्यार करने वाले को चाह सकते हो कभी,
तू उसकी दुनिया तू ही उसका सब कुछ था,
क्या उस जैसा ला सकते हो कभी,
तुम कैसी भी सही फिर भी चाहता था तुम्हें वो,
क्या किसी मतलबी इंसान को तुम चाह सकते हो कभी,
वो रोता रहा मरता रहा इंतजार में तेरा,
उसकी उम्मीद थी कि तुम उसके रूठने पर उसको मना सकते हो क्या कभी,
सारी गल्ती उसकी थी ना बुरा था ना वो,
क्या उसकी तरह अच्छे इंसान को सता हो कभी,
वो तेरा था सिर्फ तेरा था बहुत चाहता था तुझे....मरता था तेरे लिए रोता था तेरे लिए....तू उसके लिए सब कुछ था....तेरे बिना उसकी जिंदगी खुशियां अधूरी थी....आज भी कैसे रहता है नहीं बताएगा तुम्हें कभी....पर जैसा था तुम्हारा था....वो पागल सा था लड़का पर तुझे जान से ज्यादा चाहता था काश तुम कद्र कर लेती,
क्या उस जैसा पागल अब ला सकती हो कभी।।
....वेद बैरागी~
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