कल तलक जिनके लिये हम ख़ास होते थे, आज़ उनके वासते हम ग़ैर है यारों, झेल लूँगा दर्द सारे ख़ुद अकेले ही, यार तुम्हारा भी बब्बर शेर है यारों। ©Akshay vyas.
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