बेपनाह है इस शहर से, अब हमारी इस शहर में राह नहीं ! किनारों को लहरों से, अब मझधारों में नौका पार नहीं !! मोहब्बत तुमसे हों गई, क्यों UPSC तुम हमारे पास नहीं ! क.
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