मेरी राधा भी तुम हो,मेरे श्याम भी तुम हो
मेरी सीता भी तुम हो,मेरे सियाराम भी तुम हो
मेरी दुर्गा भी तुम हो,शिव की शक्ति भी तुम हो
सृष्टि में व्याप्त हर ,सांसों की सांस में तुम हो
मेरा गर्व भी तुम हो ,मेरी शक्ति भी तुम हो
मेरा अह भी तुम हो मेरा अहंकार भी तुम हो
मेरा प्रेम भी तुम हो, मेरा समर्पण भी तुम हो
मेरी सुबह भी तुम हो, मेरी सांझ भी तुम हो
मेरे मन भी तुम हो,मेरा तन भी तुम हो
मेरी छाया भी तुम हो, मेरी काया भी तुम हो
मेरा मुख भी तुम हो ,मेरी आभा भी तुम हो
मेरे मन की अभिलाषा भी तुम हो
मेरे आंखों की ज्योति भी तुम हो
उन ज्योति की हर नमी भी तुम हो
मेरे हृदय के अंतर मन में तुम हो
मेरे जीवन की हर खुशी भी तुम हो
मेरा सब कुछ तुम हो
इस सृष्टि के कण कण में तुम हो
©Roshni keshari
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