जब भी वक्त पर अपने ढलती है शाम, अचानक उसका एहसास लौट आता है......... दिन भर मसरूफ रहता है महबूब मेरा, मगर शाम को वो मेरे पास लौट आता है........ ©Poet Maddy जब.
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