कुछ यू कहा है हवा ने चरागों से, इतनी क्यों तड़पन पाते हो इत्मीनान से बुझ क्यों नहीं जाते हो 🕯️ चराग हँसा और किस्सा कह सुनाया हवा को जिम्मेदारी का मतलब बताया बुझ.
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