तेरे इंतज़ार में बेठे है हम खुद को भुलाए बेठे है नाजाने कब आओगे तुम। हम तेरी राहों में नज़रें बिछाएं बेठे है। 02/09/2024 सुरेन्द्र लोहोट.
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