बदल गई है रूत, बदल गये हैं बोल बदले हैं लोग और बदला है माहौल बदल रहा, दुआ सलाम का सलीका न रहा कहीं झुकने का तरीका चेले खुद को लगे,उस्ताद से ज्यादा आंकने और लगे.
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