बेशक मैं - तुम्हारी ज़िंदगी का वो गुलाब नहीं जो तुम्हारी ज़िंदगी को महका देता लेकिन हाँ.... मैं तुम्हारी ज़िंदगी का वो पेड़ ज़रूर था जिसकी छाँव में तुम अपने जीवन.
1 Stories
15 Love
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here