कागज के टुकड़ो से इंसान की शख्सियत को आंकने वालों की समझिये नियत शायद सबको याद होंगे तुलसी, सूर, और कबीर फक्क्ड़, मस्त, मनमौजी तबके पता नहीं किसी को अमीर.
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