भरते हुए ज़ख्म को उभारना सीख लेता है दंश के मिलते ही ज़हन हमारा चीख लेता है ! घर पर बैठे हैं बच्चे एक निवाले की आस में बस इसलिए तो बाजेवाला हमसे भीख लेता है ! #.
1 Stories
Will restore all stories present before deactivation.
It may take sometime to restore your stories.
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here