Chandrayaan2 quotes
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 ''असहाय चाँद''
"शायद चाँद इस रात के अंधियारे में भटका है...?
  इसीलिए चाँद मेरे छत कि मुंडेर पर अटका है...

आसमां में काले बादलों का हुजूम है;
बिजली भी नाच रही है झूम-झूम के...
शायद वह किसी बिजली कि ठोकर से टपका है...?

अटके -अटके जब उसे बहुत देर हो हो गयी, 
आरजू उसकी उड़ने कि फिर ढेर ढेर हो गये...
शायद वह उड़ता हुआ यहाँ आ कर लटका है...?

रात अंधियारे के साथ मिलकर रास रचाती है;
व्यवधान बनकर इतने में चांदनी पास आती है...
शायद उन दो प्रेमियों के नजर में वो खटका है...?

मेरे जैसा उसके साथ हादसा खुद-ब-खुद  हुआ, 
इश्क के दो घूंट पी-कर वह नशे में बेसुध हुआ... 
इश्क के चंगुल से यहॉ भला कोन बच सका है...?"

©Aditya kumar prasad

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#Bansal_diaries #Chandrayaan2 #Mohtarma #chaand #Moon  हर शख्स अपनी मोहतरमा कि  खासियत बताने लगा...
सुनकर उनकी बातें चाँद मुस्कुराने लगा!

©Yash Bansal
#प्रेरक #explorepage #EXPLORE #chaand  आज देखा मैने चांद को ओ नजारे याद आ गए 
बीते हुए कल के जमाने याद आ गए..
वो भी क्या दिन थे जब हम तुमसे मिला करते थे...
देख के तुम्हारा चेहरा हम अपनी आहे भरा करते थे!
पास होती थी तुम तो लगता था सारे जहा की खुशियां मेरे पास है..
तुमसे दूर होने पे ऐहसास hota की तुम मेरे लिए कितना खास हो..
हां : अब जो तुमसे दूर हूं तो वो बातें याद आती है..
 दिन भर तो रहता हूं बेचैन रात को खयालों में भी तुम आती हों..
अब तुम्हे क्या बताऊं कैसे मैं खुद को मानता हूं  
देख कर तुम्हारी तस्वीर मैं खुद का मन बहलाता हूं....!!
                   
                     (😇सरफिरा मुसाफ़िर)

©Vijay Tiwari
#mohobbat #Zindagi #kahani #लव #tum   आज भी याद है ....मुझे तुम्हारे बदन की खुशबू.... 
औऱ वो चाँदनी रात.....तुम्हारी साँसों की गर्मी से..... 
महक रही थी मेरी साँसे ....
औऱ तुम्हारी आँखों में क़ैद  होने को... तरस रहा था मेरा वजूद........
मेरी मोहोब्बत को पनाह मिली थी .....
 तुम्हरी नज़रों में .....जहाँ तुमने ......हल्के से,
 मेरे लबों को छुआ था......उस हसीन मंज़र का गवाह बना था
 ये चाँद......आज उसी मंजर को कैद करने की 
ख्वाहिश में ये चाँद फिर निकला है...
मगर आज ये.... 
मुझे तन्हा पाकर यू ही घर लौट जायेगा
तुम अक्सर कहा करते थे 
कि ज़िन्दगी के फ़लसफ़े भले ही हमें उलझा दे...
तुम्हारे हुस्न की कशिश .....मुझे तुमसे कभी दूर नही होने देगी
यू मिले न मिले मगर......यक़ीन करो 
ख्वाबों ख़यालो में ..... हम रोज़ ही मिलते हैं...

© Kanupriya Rishimum

#love #Life #Zindagi #tum #kahani #mohobbat

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यूं जो तकता रेता हैं, रोज आसमां को तू" कोई रेता हैं क्या आसमां में तेरा भी तारा।। ©Musht-e-alfaaz

#Chandrayaan2 #Quotes  यूं जो तकता रेता हैं, रोज आसमां को तू"
कोई रेता हैं क्या आसमां में तेरा भी तारा।।

©Musht-e-alfaaz

#Chandrayaan2

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#nishayadv  "एक कहानी आसमान की"

और चाँद उसके मुँह में घुलता हुआ बताशा

वह घुलता जाता है मुँह में हर रोज़ और टपकती जाती है लार

उसकी माँ त

आसमान एक बच्चा है फैलती जाती है
 चाँदनी घुलते-घुलते एक दिन बीत जाता है बताशा 
आसमान फिर मचलता है रोता हुआ पाँव पटकता है 
फिर कहीं ढूँढ़ती है बताशा- इधर-उधर कोनों-कुचारों में, 
जंगल के गुच्छों में, नदी के नीचे, पहाड़ों के पीछे, 
समंदर के डिब्बे में आख़िर उसे मिल ही जाता है 
तारों भरी थैली में पड़ा एक और बताशा चाँद 
जिसे पिछली बार रख दिया था सँभालकर इसीलिए कि पता था 
फिर मचलेगा आसमान बताशे के लिए उसकी
 एक-एक हरकत से वाक़िफ़ है लाकर रख देती है मुँह में बताशा
 इस तरह कुछ रोज़ फिर चुप और शांत रहता है आसमान।

'प्रमोद पाठक'

©Nisha Yadav

#nishayadv #Nojoto

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