Emotional shayari on GIF मैं एक कवि हूँ।
मैं रो रहा हूँ,
आँसूओं की स्याही भरी है मेरी कलम में।
मेरा एक-एक आँसू कविता है।
क्रंदन में विलसित है रुदन जो मेरा,
उस से प्रस्फुटित हो रहा है गद्य और पद्य का नया सवेरा।
स्वच्छंद हूँ मैं,
कभी खबर अखबार की,
कभी खुद की निर्मित छंद हूँ मैं
मैं लिखता चला हूँ हर दर्द को।
फिर से लिखूंगा अपने हर दर्द को कलम से,
फिर से लिखूंगा बहते हुए हर आँसू को।
बताओ तुम पोंछ सकते हो क्या मेरे आँसू?
क्योंकि मेरा एक एक आँसू कविता है, आर्टिकल है अखबार का,दोहा है सूक्त है,छंद है।
पोंछ सकते हो क्या मेरे आँसू??? बताओ बताओ!
©ऋतुराज पपनै "क्षितिज"
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