कुछ तारीखें बदनाम हुई,कुछ लोग गुमनाम हुये
कुछ सियासत गर्म हुई
एक की हार और,दूसरें की जीत हुई
मर्यादा के नाम पर,मर्यादा भी पार हुई
कुछ बुजुर्गों की गलतीयां,आज सही हुई
१४ साल या १४०० साल
क्या पता यह मर्यादा,१४००० साल से पार हुई
ना राम की जीत हुई,ना रहीम की हार हुई
कुछ तारीखें जो बदनाम हुई
ना वो हिन्दू थी ना मुस्लिम
गुमनाम जो हुये,ना राम थे ना रहीम
ना राम को तब, कुछ सिद्ध करना था ना अब
ये समाज की ही गलती थी
१४,१४०० या १४०००,साल पहले से हुई
ये बस एक पश्याताप ही तो हैं
जिसका प्रश्चित आज तक हैं
ये बस समाज की गलती हैं
जो कभी सुधारी तो कभी
शर्मिन्दा हुई।।।।
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