White मेरा यूं नोचा जाना, मारा जाना और, बलात्कार क | हिंदी कविता

"White मेरा यूं नोचा जाना, मारा जाना और, बलात्कार क्या सिर्फ मेरा था? मेरी अस्मिता, उस समाज की अस्मिता है जिससे मैं आती हूं। उसमे रहे हैं, नपुंसक दैत्य से पुरुष। जो एक क्षण के दैहिक सुख को मेरे जीवन से ज्यादा समझते हैं। और वो नपुंसक, चुने हुए प्रतिनिधि, जो इससे अपना उल्लू सीधा करते हैं। और एक एक व्यक्ति जो, किनारे से मुझे देख रहा था, या है। समझ लो आइना हूं मैं, उन सब के मरे हुए साहस का, पौरुष का। ©mautila registan(Naveen Pandey)"

 White मेरा यूं नोचा जाना, मारा जाना और, बलात्कार क्या सिर्फ मेरा था?
मेरी अस्मिता, उस समाज की अस्मिता है जिससे मैं आती हूं।
उसमे रहे हैं, नपुंसक दैत्य से पुरुष।
जो एक क्षण के दैहिक सुख को मेरे जीवन से ज्यादा समझते हैं।
और वो नपुंसक, चुने हुए प्रतिनिधि, 
जो इससे अपना उल्लू सीधा करते हैं।
और एक एक व्यक्ति जो, किनारे से मुझे देख रहा था, या है।
समझ लो आइना हूं मैं, उन सब के मरे हुए साहस का, पौरुष का।

©mautila registan(Naveen Pandey)

White मेरा यूं नोचा जाना, मारा जाना और, बलात्कार क्या सिर्फ मेरा था? मेरी अस्मिता, उस समाज की अस्मिता है जिससे मैं आती हूं। उसमे रहे हैं, नपुंसक दैत्य से पुरुष। जो एक क्षण के दैहिक सुख को मेरे जीवन से ज्यादा समझते हैं। और वो नपुंसक, चुने हुए प्रतिनिधि, जो इससे अपना उल्लू सीधा करते हैं। और एक एक व्यक्ति जो, किनारे से मुझे देख रहा था, या है। समझ लो आइना हूं मैं, उन सब के मरे हुए साहस का, पौरुष का। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#kolkata_cityof_rape

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