हर एक शख़्स जहाँ इंतक़ाम ले रहा था वहाँ मैं सब्र-ओ-सादगी से काम ले रहा था दीवानगी का सबब पूछा जा रहा था मेरी मैं चुप था और हुज़ूम उसका नाम ले रहा था वो जिनका सोच के शहज़ादे खौफ़ खा रहे थे वो फ़ैसले तो तुम्हारा गुलाम ले रहा था । ©Kabir Thakur #YouNme Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto