काश एक ऐसी दुनिया, एक शहर हो,
बेखौफ हो पल-पल सुकून का हर पहर हो।।
न धधक रही हो ज्वाला दिलो में, न अत्याचार बलात्कार का कहर हो ।।
पाक हो, पवित्र हो, प्रीत हो, पीठ पीछे न घुलता जहर हो ।।
गुनगुनाती हो हर बेला, जीवन में एक मधुर संगीत हो,
हो पास या रहे एक दूजे से दूर हम, दिलों में प्रीत हो । ।
सूरज की किरणों संग, चिड़ियों का चहचहाना हो,
छोटा सा हो आंगन,हर सदस्य का खिलखिलाना हो ।।
बड़ों की छत्रछाया हो,
संस्कारों का ताना-बाना हो,
हर शाम हो रंगीन, भीने भीने स्वर में बजता कोई गीत हो,
इश्क मोहब्बत की बूंदों से मैं भीग रहा हूं और पास में मेरे मेरा मीत हो ।
सीता की जैसे राम संग, राधा की श्याम संग,
बस ऐसी अपनी भी प्रीत हो ।।
चांदनी रात हो तुम मेरे साथ हो, हृदय में उठती बस प्रेम की लहर हो,
हां काश ऐसी ही एक दुनिया एक शहर हो ।।
"पारुल✍️
©Parul Mehrotra
#pwardor #kalamkaarworld