एक बात जो हर दम शताती है
गर अब कहूं किश्शे
कोई समझने बाला भी तो हो
कभी लगता था जिनमे अपनापन
अब वैसा कुछ नज़र न आता है
उन बातों में रात कब गुजर जाती
ये पता ही न चलता था
कुछ बातें
बिन बोले ही समझ जाते थे
प्यार सिद्दत इसका पता नहीं
हां अब उनकी बातो में
वो बात नज़र ना आती है
©Ashish Rathore
#Waqt