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Life is like a nobel, if one page is sad then another one will be happy..
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Ashish Rathore
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उनको देखता हूं तो बस देखता जाता हूं इन आंखों का क्या भरोसा जनाब बंद होकर ये चांद को धुंधला कर देती है|| ©Ashish Rathore
8 Love
कोई तुम्हारा सफ़र पर गया तो पूछेंगे रेल देख के हम हाथ क्यों हिलाते हैं Tahzeeb Hafi ©Ashish Rathore
12 Love
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है बहोत, मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो? ये ज्योग्राफियाँ, फ़लसफ़ा, साइकोलोजी, साइंस, रियाज़ी वगैरह ये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो? Tehzeeb Hafi ©Ashish Rathore
15 Love
follow the blues ©Ashish Rathore
बेगानी डगर और ये आलम सुहाना हर एक मोड़ पर है ये पागल दीवाना | कहां को चले थे कहां पर है जाना हर एक मोड़ देता है मंजर सुहाना || कभी रेत के टीलों सा है ये बेगाना कभी चांदनी रात का है दीवाना | अजब से भंवर में फंसे जा रहे हैं ना पीछे डगर है ना आगे सवेरा || भटकते भटकते कहीं दूर तक जब चले थे किसी की राहों में हम | फस गए इस कदर हम उसी राह पे न कस्ती बची थी न कोई किनारा || ©Ashish Rathore
9 Love
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