- निश्चल छंद - 23 मात्रा, 16,7 पर यति, चरणांत में | हिंदी कविता Video

"- निश्चल छंद - 23 मात्रा, 16,7 पर यति, चरणांत में 2,1 --------------------------------------------- 1- कुछ लोगों को भ्रम हो जाता, वही महान। भक्त मंडली करती उनके, नित गुणगान।। पर जो होते हैं नैसर्गिक, प्रतिभावान। वही विवेकानंद सरीखा, पाते मान।। 2- जीव जगत का जिनको होता, सच्चा ज्ञान। सपने में भी उन्हें न होता, कभी गुमान।। प्राणिमात्र का जो करते हैं, खुद सम्मान। उन्हें मान देता है मन से, सकल जहान।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava "

- निश्चल छंद - 23 मात्रा, 16,7 पर यति, चरणांत में 2,1 --------------------------------------------- 1- कुछ लोगों को भ्रम हो जाता, वही महान। भक्त मंडली करती उनके, नित गुणगान।। पर जो होते हैं नैसर्गिक, प्रतिभावान। वही विवेकानंद सरीखा, पाते मान।। 2- जीव जगत का जिनको होता, सच्चा ज्ञान। सपने में भी उन्हें न होता, कभी गुमान।। प्राणिमात्र का जो करते हैं, खुद सम्मान। उन्हें मान देता है मन से, सकल जहान।। - हरिओम श्रीवास्तव - ©Hariom Shrivastava

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