White बंद कमरों में बैठ कर धूप नहीं तापी जाती, आ | हिंदी शायरी

"White बंद कमरों में बैठ कर धूप नहीं तापी जाती, आसमाँ की ऊंचाई पैरों से नहीं नापी जाती। कोई बात तो थी उस धोती चश्मे वाले बूढ़े में, ये नोटों पर तस्वीरें ऐसे ही नहीं छापी जाती। ©एस पी "हुड्डन""

 White बंद कमरों में  बैठ  कर धूप नहीं तापी जाती,
आसमाँ  की ऊंचाई पैरों से नहीं नापी जाती।
कोई बात तो थी उस धोती चश्मे वाले बूढ़े में,
ये नोटों पर तस्वीरें ऐसे ही नहीं छापी जाती।

©एस पी "हुड्डन"

White बंद कमरों में बैठ कर धूप नहीं तापी जाती, आसमाँ की ऊंचाई पैरों से नहीं नापी जाती। कोई बात तो थी उस धोती चश्मे वाले बूढ़े में, ये नोटों पर तस्वीरें ऐसे ही नहीं छापी जाती। ©एस पी "हुड्डन"

#ऊंचाई

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