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निरन्तरता काल की भंग होती जा रही है।
संकल्पित साधना मन की रोती जा रही है
अधिष्ठात्री माँ किन किन रूपों में आये जनाब,
जमाने में सदभावनाओं की सिद्धि खोती जा रही हैं।
दशहरा के शुभ अवसर पर
माँ सिद्धिदात्री आपकी समस्त मनोकामनाओ को पूर्ण करें
हरे कृष्ण हरे हरे
©Roopsingh Doi
दशहरा संदेश