आज चांद देख कर तुम्हारी याद आ गई,
तुम जब मुस्कुराते हो न मुझे देख कर,
तुम्हारा चांद सा चेहरा खिल उठता है।
तुम्हारी चंचल आखें ना जानें,
कितना कुछ बयान कर जाती है,
जैसे वो इज़हार कर रही हो।
चुपके से आके इशारा करना,
मुझे नए उर्जा से भर देती है,
मानों मेरे सपनों को पंख लग गए हों।
जब तुम खामोश होते हो,
तो जैसे वक्त रुक जाता है,
जैसे तूफान ने कश्ती को रोक लिया हो।
तुम से बिछड़ कर मैं,
अधूरी हो जाती हूं,
जैसे शरीर से पृथक प्राण।
©Dt Sapna Nova
❤️❤️ BUNNY ❤️❤️
#my_feelings