कल तलक जिनके लिये हम ख़ास होते थे, आज़ उनके वासते हम | हिंदी शायरी

"कल तलक जिनके लिये हम ख़ास होते थे, आज़ उनके वासते हम ग़ैर है यारों, झेल लूँगा दर्द सारे ख़ुद अकेले ही, यार तुम्हारा भी बब्बर शेर है यारों। ©Akshay vyas"

 कल तलक जिनके लिये हम ख़ास होते थे,
आज़ उनके वासते हम ग़ैर है यारों,
झेल लूँगा दर्द सारे ख़ुद अकेले ही,
यार तुम्हारा भी बब्बर शेर है यारों।

©Akshay vyas

कल तलक जिनके लिये हम ख़ास होते थे, आज़ उनके वासते हम ग़ैर है यारों, झेल लूँगा दर्द सारे ख़ुद अकेले ही, यार तुम्हारा भी बब्बर शेर है यारों। ©Akshay vyas

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