तेरे वृक्ष में डाल बहुत हैं
पूछने वाले हाल बहुत हैं
मेरा जीवन क्षण भंगुर हैं
तेरे बचे अभी साल बहुत हैं,
इक करदो उपकार बड़ा सा
बिन शर्तों का प्यार ज़रा सा,
अब इस दुविधा में नहीं रहना
जो भी सच हो वो तुम कहना...
फूटा घड़ा आशा का लेकर
जंगल - जंगल मुझे ना फिरना
मुझको तुम बस इतना कहना
अभी तुम मेरे ही होना...!!
©Gaurav udvigna
#raindrops