White दिल के दहकते जज़्बात, अब सँभालू कैसे,
इस दिल से उस चेहरे को, अब निकालूँ कैसे,
जिस दर्द को पिया था हमने, दवा जानकर,
उस दर्द से अब दामन अपना, छुड़ा लूँ कैसे,
जिस रिश्ते हर क़दम पर, धोखा ही दिया है,
उस रिश्ते से अब तू ही बता, निभा लूँ कैसे,
जो छीन ले गया हैं, मेरे लबों की मुस्कान तक,
उस सँगदिल से दिल को, अब लगा लूँ कैसे,
सोचा था भर ही जायेंगें, अभी जो ज़ख्म हरे हैं,
जो बन गए नासूर, उन्हें जिस्म पर पालूँ कैसे।।
-पूनम आत्रेय
©poonam atrey
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