( मेरी कल्पना ) तू मीठी-सी खुशबू हैं, तो मैं भी भ | हिंदी कविता
"( मेरी कल्पना )
तू मीठी-सी खुशबू हैं,
तो मैं भी भटकता सा भँवरा हूँ।
अगर तू फूलों में बसती हैं,
तो मैं भी फूलों से ही मुलाकात करता हूँ।।
❤️लेखक🖋️- प्रियांशु राज❤️"
( मेरी कल्पना )
तू मीठी-सी खुशबू हैं,
तो मैं भी भटकता सा भँवरा हूँ।
अगर तू फूलों में बसती हैं,
तो मैं भी फूलों से ही मुलाकात करता हूँ।।
❤️लेखक🖋️- प्रियांशु राज❤️