फ़ोन क़ैद हुआ कैसे इक आज़ाद परिंदा देखो हर बशर है | हिंदी Poetry Video

"फ़ोन क़ैद हुआ कैसे इक आज़ाद परिंदा देखो हर बशर है सिर्फ मोबाइल में ज़िंदा देखो खा गया बचपन जवानी खुशियां खा गया उलझा हुआ है इसमें हर इक बंदा देखो अपने ही घर में हफ्तों अब नहीं होती बातें हो गया घर का माहौल मोबाइल से गंदा देखो बेटियां नाच रहीं इस पर आधे कपड़ों मे बेटा हो रहा लाइव हर दिन यहां नंगा देखो नसीहतें बुजुर्गो की कहीं खो गईं हों जैसे गूगल बन गया हर सवाल का पुलिंदा देखो। ©पूर्वार्थ "

फ़ोन क़ैद हुआ कैसे इक आज़ाद परिंदा देखो हर बशर है सिर्फ मोबाइल में ज़िंदा देखो खा गया बचपन जवानी खुशियां खा गया उलझा हुआ है इसमें हर इक बंदा देखो अपने ही घर में हफ्तों अब नहीं होती बातें हो गया घर का माहौल मोबाइल से गंदा देखो बेटियां नाच रहीं इस पर आधे कपड़ों मे बेटा हो रहा लाइव हर दिन यहां नंगा देखो नसीहतें बुजुर्गो की कहीं खो गईं हों जैसे गूगल बन गया हर सवाल का पुलिंदा देखो। ©पूर्वार्थ

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