पर्यावरण ठंडा करके कमरो को
धरती को तपा रहे हैं।
सड़क-फ्लाईओवर से
जंगल को हटा रहे हैं।
सजा कर घर अपने
ओजोन को रहे कुरेद
कुदरत की कुशलता से
क्यो हैं हमे परहेज।
ये हरयाली नहीं होगी तो
पृथ्वी होगी अस्वस्थ
हर प्राणी, हर जीव का
जीवन होगा संत्रस्त।
हमसे नही ये पर्यावरण
हम है इससे बने हुए
तोड़कर संतुलन इसका
हम भी नही है जुडे़ हुए।
परिवेश से दुर्व्यवहार का
भुगतान बडा़ कठिन हैं
जीवन की सुंदरता
असंभव प्रकृति के बिन हैं।
🌿संतोष
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©संतोष
#WorldEnvironmentDay