आँखों की मासूमियत पर नहीं, नजर तेज पंजो पे रख,
यहाँ खरगोश की खाल मे शिकारी बहोत है
चेहरे पर मुस्कुराहट और
दिल मे खंजर लेकर चलते है ये,
ज़माने मे दिखावे की बीमारी बहोत है
तन ढकने के कपडे से मन परखने वालों,
जरा ध्यान से
यहाँ सूट-बूट पहनकर घूमते भिखारी बहोत है...
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©prakash