तेरे विचार के तार अधिक जितना चढ़ सके चढ़ाता चल पथ और नया खुल सकता है आगे को पांव बढ़ाता चल (रामधारी सिंह दिनकर) ©sunday wali poem #cycle Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto