मिलोगे जब तुम कभी ,
बताएंगे की क्या हुआ ।
असर अभी तक है रुका ,
कोई कसर तक नही छूटा।
सताता है ये रात भर,
रुलाता है हर बात पर ।
किधर भी फेरूं निगाहें ये ,
तलाशती है हर राह पर।
और बैठता हूं कभी किधर,
जिक्र तुम्हारा ही हर बात पर।
कई वक्त हो चुका है ,
साथ चलते एक राह पर ।
©Daya Triapthi
#cycle