"" आओ उस पार चलें
जंहा दो पल का सुकून मिले
न सही दो वक्त की रोटी
बस इंसानियत का जुनून मिले
राही का क्या,
चलते-चलते मंज़िल तक
पहुंच ही जायेगा ।
तो आओ चुन लें उन रास्ते की यादों को,
जिन्हें सुनने पर दिल को सुकून मिले ।""
" आओ उस पार चलें
जंहा दो पल का सुकून मिले
न सही दो वक्त की रोटी
बस इंसानियत का जुनून मिले
राही का क्या,
चलते-चलते मंज़िल तक
पहुंच ही जायेगा ।
तो आओ चुन लें उन रास्ते की यादों को,
जिन्हें सुनने पर दिल को सुकून मिले ।"