बदलाव नहीं कोइ बादल,जो बरसे बनकर अांधी बदलाव तभी आ
"बदलाव नहीं कोइ बादल,जो बरसे बनकर अांधी
बदलाव तभी आयेगी,जब जागेगी आबादी
हर बार नहीं आएगा ,यहां बनकर कोइ महत्मा
ढूंढना हाेगा हमको ,खुद अपने दिल में गांधी।"
बदलाव नहीं कोइ बादल,जो बरसे बनकर अांधी
बदलाव तभी आयेगी,जब जागेगी आबादी
हर बार नहीं आएगा ,यहां बनकर कोइ महत्मा
ढूंढना हाेगा हमको ,खुद अपने दिल में गांधी।