जय जवान, जय किसान एक हाथ में हल | हिंदी कविता

"जय जवान, जय किसान एक हाथ में हल दूजे हाथ बाहुबल धोती कुर्ता थे परिधान भारत मां के थे अभिमान भोली सूरत छोटी काया देशभक्त न तुमसा पाया लोभ मोह से परे रहकर राजनीति रथ तुमने चलाया भीषण आपातकाल है झेला दुश्मन को रण में था घेरा दृढ़ इच्छाशक्ति की बन मिसाल शास्त्री तुम कर गए कमाल नमन तुम्हें हे भद्र पुरुष नमन तुम्हें हे युगपुरुष सादगी के तुम शिखर पुरुष नमन तुम्हें हे महापुरुष। © Balwant Rautela (मलंग)"

 जय जवान, जय किसान एक हाथ में हल
                  दूजे हाथ बाहुबल
धोती कुर्ता थे परिधान
                        भारत मां के थे अभिमान
भोली सूरत छोटी काया
                   देशभक्त न तुमसा पाया
 लोभ मोह से परे रहकर
                      राजनीति रथ तुमने चलाया
भीषण आपातकाल है झेला
              दुश्मन को रण में था घेरा
दृढ़ इच्छाशक्ति की बन मिसाल
              शास्त्री तुम कर गए कमाल
 नमन तुम्हें हे भद्र पुरुष
                नमन तुम्हें हे युगपुरुष
सादगी के तुम शिखर पुरुष
          नमन तुम्हें हे महापुरुष।

©  Balwant Rautela (मलंग)

जय जवान, जय किसान एक हाथ में हल दूजे हाथ बाहुबल धोती कुर्ता थे परिधान भारत मां के थे अभिमान भोली सूरत छोटी काया देशभक्त न तुमसा पाया लोभ मोह से परे रहकर राजनीति रथ तुमने चलाया भीषण आपातकाल है झेला दुश्मन को रण में था घेरा दृढ़ इच्छाशक्ति की बन मिसाल शास्त्री तुम कर गए कमाल नमन तुम्हें हे भद्र पुरुष नमन तुम्हें हे युगपुरुष सादगी के तुम शिखर पुरुष नमन तुम्हें हे महापुरुष। © Balwant Rautela (मलंग)

#LalBahadurShastri

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