मैं जो कुछ हूँ वही कुछ हूँ
जो जाहिर है वो बातिन है
किसी झूठी अना से दिल को बहलाना नहीं आता
ताल्लुक तोड़ता हूं तो मुकम्मल तोड़ देता हूं
जिसे मैं छोड़ देता हूं उसे मैं छोड़ देता हूं
यकीन रखता नहीं मैं किसी कच्चे ताल्लुक पर
जो धागा टूटने वाला हो
उसको तोड़ देता हूं
©Gulshan Kumar
#stilllife