दिशा दीप्त हो गई गगन घिर गया प्रखर उजियाली में अम | हिंदी कविता

"दिशा दीप्त हो गई गगन घिर गया प्रखर उजियाली में अमित रंग के दीप जले हैं सुंदर सुंदर थाली में करबद्ध निवेदन, हे सृष्टि के पालनहार दुःखियों के भी तम हर लेना अबकी बार दिवाली में ©Rajnikant ojha"

 दिशा दीप्त हो गई गगन घिर गया प्रखर उजियाली में

अमित रंग के दीप जले हैं  सुंदर सुंदर थाली में

करबद्ध निवेदन, हे सृष्टि के पालनहार

दुःखियों के भी तम हर लेना अबकी बार दिवाली में

©Rajnikant ojha

दिशा दीप्त हो गई गगन घिर गया प्रखर उजियाली में अमित रंग के दीप जले हैं सुंदर सुंदर थाली में करबद्ध निवेदन, हे सृष्टि के पालनहार दुःखियों के भी तम हर लेना अबकी बार दिवाली में ©Rajnikant ojha

#Diwali

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