कितना ना-शुक्र हो गया हूँ मैं , जो दिन रात अडोल

"कितना ना-शुक्र हो गया हूँ मैं , जो दिन रात अडोल खड़ा रहता मेरी सांसों के लिए, उसी को जड़ों से उखाड़ के फेंक देता हूँ #Gagan'Dardi'"

 कितना ना-शुक्र हो गया हूँ मैं , 

जो दिन रात अडोल खड़ा रहता मेरी सांसों के लिए, 

उसी को जड़ों से उखाड़ के फेंक देता हूँ 
      
                             #Gagan'Dardi'

कितना ना-शुक्र हो गया हूँ मैं , जो दिन रात अडोल खड़ा रहता मेरी सांसों के लिए, उसी को जड़ों से उखाड़ के फेंक देता हूँ #Gagan'Dardi'

#Chipko_Movement_Anniversary #Gagan'Dardi'

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