क्या लिंखू अपने बारे में कुछ समझ नहीं आता
चल तो रहा हूं एक अर्से से उसी रास्ते पर
लक्ष्य इतनी दूर है कि नजर नहीं आता और
बेढ़िया डाल लूं पैरों में या बना लूं कोई छोटा सा बाहना
लेकिन मजबूर हूं खुद से कि खुद से ही झूठ बोलना नहीं आता
(लखन राज)
मेरे परदेश आने के बाद वो मुझे हर पल याद करती हैं।
हर सुबह और शाम मेरी खैरीयत की दुआ करती है।।
मुझसे बात करने के बाद ही वह अपनी सुबह-शाम करती है।
मेरी मां मुझे बहुत लाड प्यार करती है।।
I LOVE YOU
मां
Written by lakhan Raj
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here