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इंसानियत को भूल कर दलाल आपदा को अवसर बनाये हैं लोगों की मजबूरी की फायदा उठा कर काला धन कमाये हैं । ©Shubhram Singh
Shubhram Singh
10 Love
इंसान न समझे इन्सानियत को ये हाल है इंसानियत के नाम पर आजकल सब झोल झाल है । ©Shubhram Singh
7 Love
ऐ ज़िन्दगी तू सच में बहोत खूबसूरत है पर उनके बिना तू भी बेरौनक है । ©Shubhram Singh
12 Love
मुझे नहीं पता इस दुनिया में तुमसे खूबसूरत या हसीन और कोई अच्छा है या नहीं क्योंकि मैंने कभी किसी को इतने पास और गौर से देखा ही नहीं । ©Shubhram Singh
9 Love
कॉलेज वाली चाय की टपरी, मुझे अच्छे लगते हैं वो लोग जो बिना पूछे चाय पिला देते है । ©Shubhram Singh
8 Love
ज़िंदगी सर दर्द है अगर तो उसको सुकून देने वाली चाय हो तुम । ©Shubhram Singh
6 Love
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