" ज़िद है अब खुद को खुद से तलाश लुंगी मैं छोड़ना पड़े मंज़िल का रास्ता तो छोड़ दूँगी मैं देखे थे जो सपनें वो पूरे हो या न हो पर इतनी हिम्मत है खुद को बख़ूबी संभाल लुंगी मैं किसी के साथ कि ज़रूरत नही अब अकेले ही मंज़िल को पा लुंगी मैं....
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