बीते कल बहुत बुरा हूं ना मैं, हां मैं तुम्हारा बीता कल हूं
कुछ लम्हें जुदाई के कुछ अंश रुसवाई के,
ना अब मैं फेर बदल हूं, हां मैं तुम्हारा बीता कल हूं।
कितना सुकून देती हो तुम, कितने ही खुशियों भरे पल थे,
कितना अच्छा था वो दिन अभी के आजकल से।
कितने ही याद बसाए वो एक प्यारा पल था
अफसोस की बात फिर भी है क्योंकि वो बीता कल था
©Dhadkan Ji
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here