Ankita Singh

Ankita Singh Lives in Samastipur, Bihar, India

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*ग़ज़ल* अब मुझे खुद को बदलना होगा शायद अब एकेले ही चलना होगा होगयी हूँ फूलों की दोस्ती से अब बेजार खैर हो मेरी अब कांटों में पालना होगा जिंदगी है गर सुनसान लम्बी सड़क तो अब इसपे एकेले ही टहलना होगा ठुकराया है जिसने मेरी अजमत को मलाल है हाथ उसे अब मलना होगा बहुत होगया गए वक्त का रोना धोना ऐ दिल अब तुझे को बहलाना होगा ये शायरी वायरी भरे पेट के चोंचले है ऐ "अंकु"मुझे अब जरा संभलना होगा *आंकिता कुमारी "अंकु"* ©Ankita Singh

#जानकारी #rain  *ग़ज़ल*
अब मुझे खुद को बदलना होगा
शायद अब एकेले ही चलना होगा

होगयी हूँ फूलों की दोस्ती से अब बेजार
खैर हो मेरी अब कांटों में पालना होगा

जिंदगी है गर सुनसान लम्बी सड़क
तो अब इसपे एकेले ही टहलना होगा

ठुकराया है जिसने मेरी अजमत को
मलाल है हाथ उसे अब मलना होगा

बहुत होगया गए वक्त का रोना धोना
ऐ दिल अब तुझे को बहलाना होगा 

ये शायरी वायरी भरे पेट के चोंचले है
ऐ "अंकु"मुझे अब जरा संभलना होगा

*आंकिता कुमारी "अंकु"*

©Ankita Singh

#rain

10 Love

कोई रात हिज्र की तूने काटी है कोई शाम अपनी तन्हाई चाय के साथ बांटी है कभी उस चाय की भीनी खुशबू में खुद को तलाशना कभी कोई लंबी सड़कों को तन्हा ही मापना कभी आइना के सामने अपना दर्द बांटना कभी करवटें बदल बदल कर कोई रात काटना तुम पाओगे एक एक सुखद एहसास तुम पाओगे एक दिव्य शक्ति आसपास ये नक़ाब चढ़ाए लोगो के हुजूम से अच्छा है ये अच्छा है फूलों के इर्दगिर्द मंडराती तितलियों से ये अच्छा है किये गए सैकड़ों झूठे वादों से ये जरूरी है मन उठते समुंद्र भर प्रश्नो के उत्तर ढूँढने के लिए ये जरूरी है दिल मे पनपे असमान भर आकांक्षा शांत करने के लिए ©Ankita Singh

#ज़िन्दगी #sagarkinare  कोई रात हिज्र की तूने काटी है
कोई शाम अपनी तन्हाई चाय के साथ बांटी है
कभी उस चाय की भीनी खुशबू में खुद को तलाशना
कभी कोई लंबी सड़कों को तन्हा ही मापना
कभी आइना के सामने अपना दर्द बांटना 
कभी करवटें बदल बदल कर कोई रात काटना
तुम पाओगे एक एक सुखद एहसास
तुम पाओगे एक दिव्य शक्ति आसपास
ये नक़ाब चढ़ाए लोगो के हुजूम से अच्छा है
ये अच्छा है फूलों के इर्दगिर्द मंडराती तितलियों से
ये अच्छा है किये गए सैकड़ों झूठे वादों से
ये जरूरी है मन उठते समुंद्र भर प्रश्नो के उत्तर ढूँढने के लिए
ये जरूरी है दिल मे पनपे असमान भर आकांक्षा शांत करने के लिए

©Ankita Singh

#sagarkinare

14 Love

It's a matter of time......... ©Ankita Singh

 It's a matter of time.........

©Ankita Singh

It's a matter of time......... ©Ankita Singh

10 Love

The heart has called him a hundred times... but he couldn't not listen to my heart......... The one who was in my eyes scattered like my tears, could not choose the wishes........... ©Ankita Singh

 The heart has called him a hundred times... 
but he couldn't not listen to my heart......... 
The one who was in my eyes scattered like my tears, 
could not choose the wishes...........

©Ankita Singh

The heart has called him a hundred times... but he couldn't not listen to my heart......... The one who was in my eyes scattered like my tears, could not choose the wishes........... ©Ankita Singh

15 Love

कच्ची थी आस की डोरी, एक पल में टूट गई है ये अपनों की खुदगर्जी ...... खुशियाँ मेरी रुठ गयी है, इस राह -ए- वफ़ा में पायी...... हर मोड़ फक़त रूसवाई, जो मंजिल की चाहत थी, रस्ते में वो छूट गयी है.......... सुना मन का आंगन है ये कैसा खालीपन है मेरे अंदर है तन्हाई, मेरे बाहर है वीराने........... ©Ankita Singh

 कच्ची थी आस की डोरी, 
एक पल में टूट गई है
ये अपनों की खुदगर्जी ...... 
खुशियाँ मेरी रुठ गयी है, 
इस राह -ए- वफ़ा में पायी...... 
हर मोड़ फक़त रूसवाई, 
जो मंजिल की चाहत थी, 
रस्ते में वो छूट गयी है.......... 
सुना मन का आंगन है ये कैसा खालीपन है
मेरे अंदर है तन्हाई, 
मेरे बाहर है वीराने...........

©Ankita Singh

कच्ची थी आस की डोरी, एक पल में टूट गई है ये अपनों की खुदगर्जी ...... खुशियाँ मेरी रुठ गयी है, इस राह -ए- वफ़ा में पायी...... हर मोड़ फक़त रूसवाई, जो मंजिल की चाहत थी, रस्ते में वो छूट गयी है.......... सुना मन का आंगन है ये कैसा खालीपन है मेरे अंदर है तन्हाई, मेरे बाहर है वीराने........... ©Ankita Singh

10 Love

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