आन Republic, मान Republic, मेरा भारत महान Republic...
चलो सुनाऊ तुम्हें मैं थोड़ी कैसी है इस देश की Public...
राणो की महाराणों की, जननी ये शेर-नहारो की।
कहते यूंही नही इसको हम,जय जय भारत माता की।
योद्धाऔं में योद्धा हमारे, ध्रुव, भरत, अशोक, विक्रमादित्य ना हारे
गुरूओं में संत गुरूओं के माणक, वाल्मिकी, बुद्ध, महावीर, नानक।
भक्तों में परम भक्तों की धरती, प्रहलाद, सुदामा, ध्यानु भगत, नरसी।
पूजे जाते आज भी, त्याग यहां पर, राम, हरिशचन्द्र, गांधी यहां पर।
देशभक्ति में जान लुटाने वालो की, धरती ये,
मंगल, भगत, चन्द्रशेखर,सुखदेव, राजगुरू, सावरकर की।
सिर्फ पुरूषों की ही नहीं ,धरती ये वीर बालाओं की भी।
कौशल्या, गार्गी, मैयत्री, मीरा, रानी लक्ष्मी, दुर्गा भाभी की भी।
कितने तुम्हें मैं नाम गिनाऊ,परिकष्ठा ये हर शक्ती की।
कहते यूंही नही इसको हम, जय जय भारत माता की।
©Manisha Sharma
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