Manisha Sharma

Manisha Sharma

उसकी मुहोब्बत में खो गए थे हम कहीं, अब वो नहीं तो ढूंढ रहें हैं खुद को अभी, हो गई अब कभी खुद से तो मुलाकात, समझा देंगे आपको भी क्या है हम आज।

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तेरा मेरा वो नाता, यूं तो काफी गहरा था, मैं बस थोड़ी सस्ती थी,पर तू हीरे सा महंगा था। बारिशें उस बरस जब आईं थी, साथ ताज़गी लायी थीं, मैं बस थोड़ी भीगी थी, पर तू सूरज सा चमका था। फूलों के मौसम में, बहारें जब जीवन में छाई थीं, मैं बस थोड़ा मुस्काई थी, पर तू तो खुलकर हंसता था। राहें हमारी नेक ही थी, मंज़िल हमारी एक ही थी, मैं बस थोड़ा धीरे थी, पर तेज़ तू बिजली सा निकला था। फिर बादल जब छाए थे, ग़म हमनें भी उठाये थे, मैं बस थोड़ी गरजी थी, पर तू तो जमकर बरसा था। तूने दामन छोड़ दिया, प्यार भरा दिल तोड़ दिया, मेरी दुनिया तो थोड़ा उजड़ी थी, पर तेरा खूबसूरत घरौंदा जमता था। जीवन को मैनें अपना लिया, आंखों से पर्दा हटा लिया, कि हां मैं थोड़ी सस्ती थी, और तू हिरे सा महंगा था। फिर अब क्यूं ग़म उठाता है, अब क्यूँ आवाज़ लगाता है, क्यूँ बांसुरी बजाता है, क्यूँ सपनो में आता है, मैं तो आज भी थोड़ी सस्ती हूँ, पर तू हीरे से महंगा है। ©Manisha Sharma

#NationalSimplicityDay  तेरा मेरा वो नाता, यूं तो काफी गहरा था,
मैं बस थोड़ी सस्ती थी,पर तू हीरे सा महंगा था।

बारिशें उस बरस जब आईं थी, साथ ताज़गी लायी थीं,
मैं बस थोड़ी भीगी थी, पर तू सूरज सा चमका था।

फूलों के मौसम में, बहारें जब जीवन में छाई थीं,
मैं बस थोड़ा मुस्काई थी, पर तू तो खुलकर हंसता था।

राहें हमारी नेक ही थी, मंज़िल हमारी एक ही थी,
मैं बस थोड़ा धीरे थी, पर तेज़ तू बिजली सा निकला था।

फिर बादल जब छाए थे, ग़म हमनें भी उठाये थे,
मैं बस थोड़ी गरजी थी, पर तू तो जमकर बरसा था।

 तूने दामन छोड़ दिया, प्यार भरा दिल तोड़ दिया,
मेरी दुनिया तो थोड़ा उजड़ी थी, पर तेरा खूबसूरत घरौंदा जमता था।

जीवन को मैनें अपना लिया, आंखों से पर्दा हटा लिया,
कि हां मैं थोड़ी सस्ती थी, और तू हिरे सा महंगा था।

फिर अब क्यूं ग़म उठाता है, अब क्यूँ आवाज़ लगाता है,
क्यूँ बांसुरी बजाता है, क्यूँ सपनो में आता है,
मैं तो आज भी थोड़ी सस्ती हूँ, पर तू हीरे से महंगा है।

©Manisha Sharma

हमें मालूम है, खो दिया तुमने अपनों को, हमें मालूम है, तुम रोक नहीं पा रहे आसुओं को, हमें मालूम है, वो क्षति पूर्ति कभी न हो पाएगी, हमें मालूम है, किसी की बातें अब नहीं सुहाएगी, तुम कहोगे की हम नहीं समझ सकते तुहारा गम, पर यकीं मानो तुम्हारे दर्द से भी वाकिफ हैं हम, हम जानते हैं, कोई दस्तूर तब काम नहीं करते, जब कोई अपनो को खोता है, लव्ज़ काम नहीं करते, हम जानते है, जिन्हें खो दिया वो वापस नहीं आएंगे, पर यकीं मानो दोस्त, वो इससे बेहतर जगह जाएंगे, और जहां कहीं भी होंगे, तुम्हें बखूबी देख पाएंगें, तुम बस थोड़ी हिम्मत रखना मेरे यारा, बेहद दर्द है, पर खड़े होकर चलना दोबारा, ताकि वो हो सके खुश देख कर तुम्हें, ऐ दोस्त, अब ये ज़िम्मा भी है तुम्हारा। ©Manisha Sharma

#SuperBloodMoon  हमें मालूम है, खो दिया तुमने अपनों को,
हमें मालूम है, तुम रोक नहीं पा रहे आसुओं को,
हमें मालूम है, वो क्षति पूर्ति कभी न हो पाएगी,
हमें मालूम है, किसी की बातें अब नहीं सुहाएगी,
तुम कहोगे की हम नहीं समझ सकते तुहारा गम,
पर यकीं मानो तुम्हारे दर्द से भी वाकिफ हैं हम,
हम जानते हैं, कोई दस्तूर तब काम नहीं करते,
जब कोई अपनो को खोता है, लव्ज़ काम नहीं करते,
हम जानते है, जिन्हें खो दिया वो वापस नहीं आएंगे,
पर यकीं मानो दोस्त, वो इससे बेहतर जगह जाएंगे,
और जहां कहीं भी होंगे, तुम्हें बखूबी देख पाएंगें,
तुम बस थोड़ी हिम्मत रखना मेरे यारा,
बेहद दर्द है, पर खड़े होकर चलना दोबारा,
ताकि वो हो सके खुश देख कर तुम्हें,
ऐ दोस्त, अब ये ज़िम्मा भी है तुम्हारा।

©Manisha Sharma

आन Republic, मान Republic, मेरा भारत महान Republic... चलो सुनाऊ तुम्हें मैं थोड़ी कैसी है इस देश की Public... राणो की महाराणों की, जननी ये शेर-नहारो की। कहते यूंही नही इसको हम,जय जय भारत माता की। योद्धाऔं में योद्धा हमारे, ध्रुव, भरत, अशोक, विक्रमादित्य ना हारे गुरूओं में संत गुरूओं के माणक, वाल्मिकी, बुद्ध, महावीर, नानक। भक्तों में परम भक्तों की धरती, प्रहलाद, सुदामा, ध्यानु भगत, नरसी। पूजे जाते आज भी, त्याग यहां पर, राम, हरिशचन्द्र, गांधी यहां पर। देशभक्ति में जान लुटाने वालो की, धरती ये, मंगल, भगत, चन्द्रशेखर,सुखदेव, राजगुरू, सावरकर की। सिर्फ पुरूषों की ही नहीं ,धरती ये वीर बालाओं की भी। कौशल्या, गार्गी, मैयत्री, मीरा, रानी लक्ष्मी, दुर्गा भाभी की भी। कितने तुम्हें मैं नाम गिनाऊ,परिकष्ठा ये हर शक्ती की। कहते यूंही नही इसको हम, जय जय भारत माता की। ©Manisha Sharma

#RepublicDay  आन Republic, मान  Republic, मेरा भारत महान Republic...
चलो सुनाऊ तुम्हें मैं थोड़ी कैसी है इस देश की Public...

राणो की महाराणों की, जननी ये शेर-नहारो की।
कहते यूंही नही इसको हम,जय जय भारत माता की।

योद्धाऔं में योद्धा हमारे,  ध्रुव, भरत, अशोक, विक्रमादित्य ना हारे
गुरूओं में संत गुरूओं के माणक, वाल्मिकी, बुद्ध, महावीर, नानक।
भक्तों में परम भक्तों की धरती, प्रहलाद, सुदामा, ध्यानु भगत, नरसी।
पूजे जाते आज भी, त्याग यहां पर, राम, हरिशचन्द्र, गांधी यहां पर।
देशभक्ति में जान लुटाने वालो की, धरती ये,
मंगल, भगत, चन्द्रशेखर,सुखदेव, राजगुरू, सावरकर की।

सिर्फ पुरूषों की ही नहीं ,धरती ये वीर बालाओं की भी।
कौशल्या, गार्गी, मैयत्री, मीरा, रानी लक्ष्मी, दुर्गा भाभी की भी।

कितने तुम्हें मैं नाम गिनाऊ,परिकष्ठा ये हर शक्ती की।
कहते यूंही नही इसको हम, जय जय भारत माता की।

©Manisha Sharma

#RepublicDay

10 Love

किसे कहें अपना घर कि, औरत का कोई घर नहीं होता, कहाँ जाकर रहें कि कह सकें, यहाँ कोई समझौता नहीं होता। हाथ पीले होने तक वो कहते हैं, ये तेरा घर नहीं, तुझे अपने घर जाना है, और फेरे पड़ने के बाद वो कहते हैं, ये तेरा घर नहीं, यहाँ तेरे घर जैसा नहीं होता। और जो कदम बढ़ा कर बना ले अपना घोंसला, वो कहते हैं, एक घर से सारा जीवन नहीं होता। वो क्या जाने घर की कीमत, जिसने अपना घर छोड़ा नही होता। वो नहीं जानते कितना, तकलीफ देता है ये कहना, कि औरत का कोई घर नहीं होता। ©Manisha Sharma

#बात #Winters  किसे कहें अपना घर कि,
औरत का कोई घर नहीं होता,
कहाँ जाकर रहें कि कह सकें,
यहाँ कोई समझौता नहीं होता।

हाथ पीले होने तक वो कहते हैं,
ये तेरा घर नहीं, तुझे अपने घर जाना है,
और फेरे पड़ने के बाद वो कहते हैं,
ये तेरा घर नहीं, यहाँ तेरे घर जैसा नहीं होता।

और जो कदम बढ़ा कर बना ले अपना घोंसला,
वो कहते हैं, एक घर से सारा जीवन नहीं होता।
वो क्या जाने घर की कीमत, 
जिसने अपना घर छोड़ा नही होता।

वो नहीं जानते कितना,
तकलीफ देता है ये कहना,
कि औरत का कोई घर नहीं होता।

©Manisha Sharma

#Winters

13 Love

जिन्हें प्यार किया टूट कर, वो बहाना बना कर चले गए, जिनके राहों के काटें निकाले झुक कर, वो गिरा हुआ बता कर चले गए, हम छोड़ा जिसके लिए अपनों को, वो किसी को अपना बना कर चले गए, और जिनके साथ हम जीवन के सपने सजाते रहे, वो हमें बिता वक़्त बता कर चले गए। ©Manisha Sharma

#peace  जिन्हें प्यार किया टूट कर,
वो बहाना बना कर चले गए,
जिनके राहों के काटें निकाले झुक कर,
वो गिरा हुआ बता कर चले गए,
हम छोड़ा जिसके लिए अपनों को,
वो किसी को अपना बना कर चले गए,
और जिनके साथ हम जीवन के सपने सजाते रहे,
वो हमें बिता वक़्त बता कर चले गए।

©Manisha Sharma

#peace

13 Love

जला हो जिनका जिस्म कभी, वो दूसरों पे तेज़ाब नही फेका करते। लुटा हो जिनका आशियाना कभी, वो किसी को किसी का पता नहीं देते। बिखरा हो जिनका जीवन कभी, वो दूसरों की लाठियां नहीं तोड़ा करते। और टूटा हो जिनका दिल कभी, वो किसी के सपने नहीं तोड़ा करते। ©Manisha Sharma

#meltingdown  जला हो जिनका जिस्म कभी,
वो दूसरों पे तेज़ाब नही फेका करते।
लुटा हो जिनका आशियाना कभी,
वो किसी को किसी का पता नहीं देते।
बिखरा हो जिनका जीवन कभी,
वो दूसरों की लाठियां नहीं तोड़ा करते।
और टूटा हो जिनका दिल कभी,
वो किसी के सपने नहीं तोड़ा करते।

©Manisha Sharma

#meltingdown

15 Love

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