Trilok

Trilok Lives in Jaipur, Rajasthan, India

इक पल में जी लो लाख जिन्दगी। follow me on YouTube I'd (shrut samadhan)

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#hands  सोचा न था कि मैं तुमसा हो गया
या मैं तुझ में खो गया
अरे नहीं, तुमने तो संवार दिया मुझको
जिंदगी में प्यार का उधार दिया मुझको
मैं कब उतार पाऊंगा कर्ज तेरा
धरती और आसमान सा रिश्ता है तेरा मेरा
दूर आसमां सी रहती हो पर नित निहारता हूं मैं
तुझ में मेरे अक्स को खंंगालता हूं मैं
जब एक ही हो गए हैं, तो खोज खत्म हो गई है मेरी
जिंदगी तेरी अब हो गई है मेरी
सोचा न था तुम बन जाओगी आफताब
मेरा ही ओढ़ लोगी नकाब
सोचा न था पर हकीकत हो गया
अब मैं हूं ही नहीं, सब कुछ तेरा हो गया
सब कुछ तेरा हो गया।।

©Trilok

#hands

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#hands  सोचा न था,
आजाद पंछी पिंजरे में 
वीर भी झुक गया रण में
दिन छोटा और रात बढ़ गई 
अलग सी दीवानगी चढ़ गई
सोचा न था कि गहरा असर कर जाओगी तुम 
रग-रग में इस कदर समा जाओगी तुम
बेईमानी पर उतर आई है धड़कन 
भीग गया पूर्णतया मेरा तन-मन
to be continue.....

©Trilok

#hands

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#IFPWriting #Quotes  आदि दिवस का स्मरण, आज करते हैं जनाब।
गुणों से महकाया जीवन, बनकर के गुलाब।।
प्रभु बहुत दूर रखे आपको, गम की परछाई से,
जन्मदिन की शुभकामना, दिल की गहराई से।।

©Trilok

#IFPWriting

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#कविता  महावीर का 'म' कहता है मन का संयम बना रहे,
महावीर का 'हा' कहता है हाथ दया से सना रहे।
महावीर का 'वी' कहता है वीर भक्त इंसान बने,
महावीर का 'र' कहता है रत्नाकर रसखान बने।।


प्रभु महावीर जन्म कल्याणक की शुभकामनाएं

mahavir jayanti

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महावीर का 'म' कहता है मन का संयम बना रहे, महावीर का 'हा' कहता है हाथ दया से सना रहे। महावीर का 'वी' कहता है वीर भक्त इंसान बने, महावीर का 'र' कहता है रत्नाकर रसखान बने।। प्रभु महावीर जन्म कल्याणक की शुभकामनाएं ©Trilok

#विचार #Likho  महावीर का 'म' कहता है मन का संयम बना रहे,
महावीर का 'हा' कहता है हाथ दया से सना रहे।
महावीर का 'वी' कहता है वीर भक्त इंसान बने,
महावीर का 'र' कहता है रत्नाकर रसखान बने।।


प्रभु महावीर जन्म कल्याणक की शुभकामनाएं

©Trilok

#Likho

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आप बहुत बेदर्द हो जो आपने बोझ किताबों का भर दिया मेरे खेल-खिलौने से किनारा कर दिया इतना लिखा हाथों ने जैसे इतिहास लिख दिया आपने मेरे बचपन को बहुत है दर्द दिया नहीं नहीं ऐसा नहीं है आप बेदर्द नहीं, आप तो हमदर्द रहे जो किताबें भरी थी आपने, वो हल्का कर रही है जिंदगी विभिन्न पहलुओं से खेल अनोखे खिला रही है जिंदगी लिखा आज वो हस्ताक्षर रूप में कमाल कर रही जिंदगी ताउम्र करूंगा मैं आपके चरणों की बंदगी ©Trilok

#Teachersday  आप बहुत बेदर्द हो
जो आपने बोझ किताबों का भर दिया
मेरे खेल-खिलौने से किनारा कर दिया
इतना लिखा हाथों ने जैसे इतिहास लिख दिया
आपने मेरे बचपन को बहुत है दर्द दिया

नहीं नहीं ऐसा नहीं है
आप बेदर्द नहीं, आप तो हमदर्द रहे
जो किताबें भरी थी आपने, वो हल्का कर रही है जिंदगी
विभिन्न पहलुओं से खेल अनोखे खिला रही है जिंदगी
लिखा आज वो हस्ताक्षर रूप में कमाल कर रही जिंदगी
ताउम्र करूंगा मैं आपके चरणों की बंदगी

©Trilok
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