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#Quotes  🔼 Metaphor
A comparison between essentially unlike things without an explicitly comparative word such as like or as. An example is "My love is a red, red rose,"
From Burns's "A Red, Red Rose." Langston Hughes's "Dream Deferred" is built entirely of metaphors. Metaphor is one of the most important of literary uses of language. Shakespeare employs a wide range of metaphor in his sonnets and his plays, often in such density and profusion that readers are kept busy analyzing and interpreting and unraveling them. Compare Simile.
LITERARY TERM

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🔼 Metaphor A comparison between essentially unlike things without an explicitly comparative word such as like or as. An example is "My love is a red, red rose," From Burns's "A Red, Red Rose." Langston Hughes's "Dream Deferred" is built entirely of metaphors. Metaphor is one of the most important of literary uses of language. Shakespeare employs a wide range of metaphor in his sonnets and his plays, often in such density and profusion that readers are kept busy analyzing and interpreting and unraveling them. Compare Simile. LITERARY TERM ©SWAMI GYAN

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LOVE प्रेम न तो स्वयं के अतिरिक्त कुछ देता है, न ही प्रेम स्वयं के अलावा कुछ लेता है। प्रेम किसी पर नियंत्रण नहीं रखता, न ही प्रेम पर किसी का नियंत्रण होता है। चूंकि प्रेम के लिए बस प्रेम ही पर्याप्त है जब तुम प्रेम में हो, यह मत कहो कि ईश्वर मेरे हृदय में है, बल्कि कहो कि मैं ईश्वर के हृदय में हूँ। यह मत सोचो कि तुम प्रेम को उसकी राह बता सकते हो। बल्कि यदि प्रेम तुम्हें योग्य समझेगा, तो वह स्वयं तुम्हें तुम्हारा रास्ता बताएगा। ©SWAMI GYAN

 LOVE  प्रेम न तो स्वयं के अतिरिक्त कुछ देता है, 
न ही प्रेम स्वयं के अलावा कुछ लेता है।

प्रेम किसी पर नियंत्रण नहीं रखता, 
न ही प्रेम पर किसी का नियंत्रण होता है। 
चूंकि प्रेम के लिए बस प्रेम ही पर्याप्त है

जब तुम प्रेम में हो, 
यह मत कहो कि ईश्वर मेरे हृदय में है, 
बल्कि कहो कि मैं ईश्वर के हृदय में हूँ। 

यह मत सोचो कि 
तुम प्रेम को उसकी राह बता सकते हो। 
बल्कि यदि प्रेम तुम्हें योग्य समझेगा, 
तो वह स्वयं तुम्हें तुम्हारा रास्ता बताएगा।

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LOVE प्रेम न तो स्वयं के अतिरिक्त कुछ देता है, न ही प्रेम स्वयं के अलावा कुछ लेता है। प्रेम किसी पर नियंत्रण नहीं रखता, न ही प्रेम पर किसी का नियंत्रण होता है। चूंकि प्रेम के लिए बस प्रेम ही पर्याप्त है जब तुम प्रेम में हो, यह मत कहो कि ईश्वर मेरे हृदय में है, बल्कि कहो कि मैं ईश्वर के हृदय में हूँ। यह मत सोचो कि तुम प्रेम को उसकी राह बता सकते हो। बल्कि यदि प्रेम तुम्हें योग्य समझेगा, तो वह स्वयं तुम्हें तुम्हारा रास्ता बताएगा। ©SWAMI GYAN

8 Love

परिपूरक का सिद्धांत, लाओत्से की बड़ी कीमती देन है। और संभवतः लाओत्से पहला व्यक्ति है मनुष्य-जाति के इतिहास में जिसने विपरीत की धारणा को बिलकुल ही त्याग दिया और परिपूरक की धारणा को जन्म दिया। जगत में, उसने कहा, विरोध देखो ही मत, क्योंकि एक ही ऊर्जा का खेल है। इसलिए विरोध हो नहीं सकता। हो भी तो आभास होगा, दिखता होगा; थोड़ी गहरी समझ होगी, विसर्जित हो जाएगा। इसलिए दो मार्ग हैं धर्म के। एक मार्ग है विराग। विराग का अर्थ है: दोनों का एक सा त्याग। और एक मार्ग है राग। राग का अर्थ है: दोनों का एक सा स्वीकार। विराग की यात्रा योग के नाम से जानी जाती है; राग की यात्रा तंत्र के नाम से जानी जाती है। दोनों का एक सा स्वीकार तंत्र है। दोनों का एक सा अस्वीकार योग है। लेकिन दोनों का परिणाम एक है। क्योंकि दोनों स्थितियों में झुकाव खो जाता है, चुनाव खो जाता है। आप सम हो जाते हैं। अध्याय 39 / ताओ तेह किंग ताओ उपनिषद--75 / भाग-4 ☀️☀️☀️OG☀️☀️☀️ ©SWAMI GYAN

#Journey  परिपूरक का सिद्धांत, लाओत्से की बड़ी कीमती देन है। और संभवतः लाओत्से पहला व्यक्ति है मनुष्य-जाति के इतिहास में जिसने विपरीत की धारणा को बिलकुल ही त्याग दिया और परिपूरक की धारणा को जन्म दिया। जगत में, उसने कहा, विरोध देखो ही मत, क्योंकि एक ही ऊर्जा का खेल है। इसलिए विरोध हो नहीं सकता। हो भी तो आभास होगा, दिखता होगा; थोड़ी गहरी समझ होगी, विसर्जित हो जाएगा।
इसलिए दो मार्ग हैं धर्म के। एक मार्ग है विराग। विराग का अर्थ है: दोनों का एक सा त्याग। और एक मार्ग है राग। राग का अर्थ है: दोनों का एक सा स्वीकार। विराग की यात्रा योग के नाम से जानी जाती है; राग की यात्रा तंत्र के नाम से जानी जाती है। दोनों का एक सा स्वीकार तंत्र है। दोनों का एक सा अस्वीकार योग है। लेकिन दोनों का परिणाम एक है। क्योंकि दोनों स्थितियों में झुकाव खो जाता है, चुनाव खो जाता है। आप सम हो जाते हैं।
अध्याय 39 / ताओ तेह किंग 
ताओ उपनिषद--75 / भाग-4
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#Journey

6 Love

एक ही धन है इस जगत में, वह परमात्मा है! उसको छोड़कर हम और सब खोजते हैं। इसलिए हम दरिद्र ही बने रहते हैं। इसलिए सब धन भी इकट्ठा हो जाता है, फिर भी कहां तृप्ति, कहां संतोष! नहीं- सब हो जाता है--बड़े महल, बड़ा धन, बड़ी तिजोड़ी, बड़ी प्रतिष्ठा और भीतर? भीतर वैसे के वैसे दरिद्र और भिखमंगे। धन बाहर पड़ा रहता है? भीतर की निर्धनता जरा भी उससे नहीं बदलती। भीतर की निर्धनता तो तभी जाती है जब असली धन मिलता, परम धन मिलता। उसका नाम ही परमात्मा है। निर्धन था धनवंत हुआ भूला घर आया। और परमात्मा के मिलन में ही भूला घर लौटता है। नहीं तो भटके ही हुए हैं। लाख करो और सब कुछ उपाय, भटकन ही बढ़ती रहेगी। सिर्फ एक ही है, जहां भटकन मिटती है। क्यों भूला घर आया? क्योंकि परमात्मा हमारा वास्तविक घर है वह हमारा स्वरूप है। उसी से हम आए हैं, उसी में हमें जाना है। हम उसी की तरंग हैं। हमें उसी में लीन हो जाना है। 🌺🌹❤OG❤️🌹🌺 ©SWAMI GYAN

#Flower  एक ही धन है इस जगत में, वह परमात्मा है! 
उसको छोड़कर हम और सब खोजते हैं। इसलिए हम दरिद्र ही बने रहते हैं। इसलिए सब धन भी इकट्ठा हो जाता है, फिर भी कहां तृप्ति, कहां संतोष! नहीं- सब हो जाता है--बड़े महल, बड़ा धन, बड़ी तिजोड़ी, बड़ी प्रतिष्ठा और भीतर? भीतर वैसे के वैसे दरिद्र और भिखमंगे। धन बाहर पड़ा रहता है? भीतर की निर्धनता जरा भी उससे नहीं बदलती। भीतर की निर्धनता तो तभी जाती है जब असली धन मिलता, परम धन मिलता। उसका नाम ही परमात्मा है।
निर्धन था धनवंत हुआ भूला घर आया। और परमात्मा के मिलन में ही भूला घर लौटता है। नहीं तो भटके ही हुए हैं। लाख करो और सब कुछ उपाय, भटकन ही बढ़ती रहेगी। सिर्फ एक ही है, जहां भटकन मिटती है। क्यों भूला घर आया? क्योंकि परमात्मा हमारा वास्तविक घर है वह हमारा स्वरूप है। उसी से हम आए हैं, उसी में हमें जाना है। हम उसी की तरंग हैं। हमें उसी में लीन हो जाना है।
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#Flower

9 Love

❝Look: your life is just like a rainbow. It carries all the colors — and you go on moving from one color to another. It carries all the extremes, all the opposites: from pleasure you move to pain, from pain you move to pleasure. If the pain goes on too long, you may even start getting a certain pleasure out of it. If the pleasure lasts too long, you will certainly get pain out of it. Both are states of excitement, both are fevers. A man of understanding is without fever. You cannot excite him, you cannot surprise him.❞ And The Flowers Showered ☀️☀️☀️OG☀️☀️☀️ ©SWAMI GYAN

#Rainbow  ❝Look: your life is just like a rainbow. It carries all the colors — and you go on moving from one color to another. It carries all the extremes, all the opposites: from pleasure you move to pain, from pain you move to pleasure. If the pain goes on too long, you may even start getting a certain pleasure out of it. If the pleasure lasts too long, you will certainly get pain out of it. Both are states of excitement, both are fevers. A man of understanding is without fever. You cannot excite him, you cannot surprise him.❞
And The Flowers Showered
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#Rainbow

7 Love

इश्क़ कहता है इश्क़बाज़ी कर, अकल कहती है ख़ुदा राज़ी कर, इश्क़ करता है बात क़ायदे की, अकल करती है बात फायदे की… उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी; झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे ☀️☀️☀️OG☀️☀️☀️ ©SWAMI GYAN

#erotica  इश्क़ कहता है इश्क़बाज़ी कर,
अकल कहती है ख़ुदा राज़ी कर,
इश्क़ करता है बात क़ायदे की,
अकल करती है बात फायदे की…

उठो तो ऐसे उठो, फक्र हो बुलंदी को भी;
झुको तो ऐसे झुको, बंदगी भी नाज़ करे
☀️☀️☀️OG☀️☀️☀️

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#Shayari

11 Love

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